नई दिल्ली. पैसों की जरूरत किसी को भी कभी भी पढ़ सकती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए कई लोग पर्सनल हैं। बैंक किसी भी व्यक्ति को लोन देने से पहले कई बातों पर ध्यान देता है। इन बातों के आधार पर ही लोन की रकम और उस पर लगने वाली ब्याज दर निर्भर करती है। पर्सनल लोन की ब्याज दरें- , क्रेडिट स्कोर, प्रोफेशन और ईएमआई आदि जैसी बातों पर निर्भर करती हैं। अगर आप भी लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उससे पहले आपको कुछ बातों पर गौर करना चाहिए। यहां हम आपको उन 5 कारकों के बारे में बता रहे हैं जो लोन की ब्याज दर को प्रभावित करते हैं।
प्रोफेशन
पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर इस बात से भी फर्क पड़ता है कि लोन लेने वाला व्यक्ति करता क्या है? और उसे कितनी सैलरी मिलती है? ज्यादातर केस में नॉन सैलरी वाले लोगों के लिए लोन की ब्याज दरें महंगी होती है।
क्रेडिट स्कोर
किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर बहुत हद तक उसकी लोन एलिजिबिलिटी को प्रभावित करता है। क्रेडिट स्कोर कई खास क्रेडिट प्रोफाइलिंग कंपनियों की तरफ से तय किया जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि आपने पहले लोन लिया है या क्रेडिट कार्ड आदि का इस्तेमाल किस प्रकार किया है। किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर रीपेमेंट इतिहास, क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, मौजूदा लोन और बिलों के समय पर पेमेंट से पता चलता है।
संबंधित बैंक से लें लोन
अगर आप लोन लेने का सोच रहे हैं तो उसी बैंक से लोन लें जहां आपका अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट या क्रेडिट कार्ड सेवा आप वहां से ले रहे हों। क्योंकि बैंक अपने रेगुलर कस्टमर्स को भी उचित ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराते हैं।
ऑफर्स का रखें ध्यान
बैंक समय- समय पर लोन लेने वालों को बेहतर ऑफर्स उपलब्ध कराते रहते हैं। ऐसे में आप लोन लेने से पहले सभी बैंकों के ऑफर्स के बारे में पता कर लें। क्योंकि जल्दबाजी में लोन लेना आपके लिए गलत साबित हो सकता है।
अवधि और रकम
आपके पर्सनल लोन की ब्याज दर इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कितने समय के लिए और कितना लोन लेना चाहते हैं। ऐसे में उतना ही लोन लें जितने पैसे की आपको जरूरत है और जितना जल्दी हो सके लोन को चूका दें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा रहेगा और आपको काम ब्याज चुकाना होगा।